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तनुजा ठाकुर

तनुजा ठाकुर सरकारी महकमे में कार्यरत हैं। हिन्दी और अंग्रेज़ी में लिखना और यात्रा करना इनके दिल को बहुत सुकून देता है। वह फ़िलहाल अपने परिवार के संग दिल्ली में रहती हैं लेकिन वह मूलतः उत्तराखण्ड राज्य की रहने वाली हैं। इसलिए शायद पहाड़ और घाटियाँ इन्हें अपनी सी लगती हैं।

दरअसल…

दरअसल जानते तो सब हैं,

मगर न जाने क्यों चुप हैं...

दरअसल मिज़ाज गर्म हैं,

मगर चेहरे पर शिकन तक आती नहीं...

दरअसल उक्ता गए हैं,

मगर मसरूफ़ियत का नाटक करते हैं दिन-रात...

दरअसल ख़्वाब पंख लगा कर उड़ जाते हैं,

मगर हक़ीक़त क़ैद उन्हें कर देती है पिंजरे में हर बार...

दरअसल दिल पथरा चुका है,

मगर आँखें कैसे भर आती हैं मालूम नहीं...

दरअसल मर्ज़ लाइलाज है,

मगर लंबी उम्र की दुआएँ मिल जाती हैं बार बार...

दरअसल नींद आती ही नहीं,

मगर इश्क़ को अक्सर बहाना बना देते हैं।

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