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रीना चौधरी

रीना चौधरी की कविताएँ कई इंटरनेशनल प्रिंट और ऑनलाइन प्रकाशनों में प्रकाशित हुई हैं, जिनमें मंडे नाईट लिट, कॉर्डाइट पोएट्री रिव्यू, द पैंगोलिन रिव्यु , बेटर दैन स्टारबक्स, द आफ्टरपास्ट रिव्यू और द पर्च मैगज़ीन जैसी कविता के प्रति समर्पित पत्रिकाएँ शामिल हैं।

संपर्क खोना

शब्द जो एक बार बोले जाते थे, गूँज अब फीकी पड़ जाती है,

विशाल विस्तार में, एक मित्रता ने धोखा दे दिया। 


स्पर्श खोना, जैसे पतझड़ के पत्ते उतरते हैं,

हमारे बंधन की गर्माहट, अब एक दूर का मिश्रण है। 


यादें हवा में फुसफुसाहट की तरह घूमती रहती हैं,

निकटता की एक कहानी जो समय के साथ धुंधली हो गई है। 


हमने जीवन की भूलभुलैया को हाथ में हाथ डाले पार किया,

फिर भी, अब हम रेत के कणों की तरह बहते हैं। 


जो हँसी हमने साझा की, जो रहस्य हमने छुपाये,

अब बिखरा हुआ, खोया हुआ, पछतावे के दायरे में। 


मौन फ़ोन कॉल और संदेश अदृश्य,

एक बंधन जो फूल की तरह मुरझा जाता है, अशुद्ध है। 


समय की अनवरत गति, एक क्रूर कला,

हमें अलग कर देता है, हृदय की परतों को तोड़ देता है। 


उँगलियाँ जो कभी शालीनता से आपस में जुड़ती थीं,

अब खाली, उजाड़ जगह में टटोलें। 


लेकिन घाटे के दायरे में बीज बो सकते हैं,

नई शुरुआत उगती है, सूर्योदय की चमक की तरह। 


क्योंकि जैसे ही एक अध्याय बंद होता है, दूसरा खुल जाता है,

एक अनकही कहानी, अनकहे रहस्यों के साथ। 


तो, दुःख को क्षणिक झोंका ही रहने दो,

क्योंकि जीवन में, धागे पुनः समायोजित हो जाते हैं। 


हालाँकि हम संपर्क खो देते हैं, और रास्ते अलग हो सकते हैं,


आशा कायम है, दिल में एक लौ है।

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