
वर्णिका
वर्णिका रतूडी ने अंग्रेज़ी साहित्य में पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ, से स्नातक एवं स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। उन्हें कविताएं, लेख, आदि लिखने में रुचि है।
इंस्टाग्राम - @musings_by_varnika
कवि का अंतर्मन
मैं कवि हूँ,
अपनी रचना पर इतराता हूँ,
घंटों तक ताकता हूँ उसे,
फिर हारकर स्वयं उसे मिटाता हूँ।
मैं कवि हूँ,
मैं दोस्तों के बीच भी,
गहन विचारों में डूबा,
आमतौर पर पाया जाता हूँ।
मैं कवि हूँ,
मुझे इस भौतिकवाद का दुश्मन ही समझें,
मैं दो जोड़ी कपड़ों और चंद मीठे पलों
में ही संतुष्ट हो जाता हूँ।
मैं कवि हूँ,
मुझे मृत्यु का भय नहीं,
मेरा लिखा हर शब्द अमर है,
यह सोच मन ही मन मुस्कुराता हूं।
मैं कवि हूँ,
मैं निरंतर अपने अंतर्मन के
गहरे कोने से,
सोच के मोती चुनकर लाता हूँ।
मैं कवि हूँ,
मैं लिखता जाता हूँ।
अपने जीवन की कठिनाइयों को,
कागज़ में समेट लाता हूँ।
मैं कवि हूँ,
इसलिए मौन हूँ।
मेरे मन की हलचल को,
अपनी कविताओं से सुनाता हूँ।